जब कोविड अस्पताल में लोग झूमने – नाचने लगे…

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न्यूज़ स्टैंड18 नेटवर्क
मुंबई। घर-परिवार से अलग एक ऐसी जगह जहां उपचार के दौरान कोई मित्र, रिश्तेदार हिम्मत और सांत्वना देने भी नहीं आ सकता। बस दिन भर डाक्टर और अपने जैसे कुछ मरीजों के अलावा खुद से बातचीत करनी पड़ती हो, वहीं अचानक साउंड से गाने की आवाज आने लगे और देखते ही देखते डाक्टर, मरीज के साथ कुछ अनजान चेहरों के पैर थिरकने लगे तो समझ लो बीमारी बगैर दवा के आधी खत्म।

ऐसा ही नजारा पिछले दिनों मुंबई के गोरेगांव स्थित नेस्को कोविड सेंटर में देखने को मिला। डाक्टरों, तमाम स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों के हौसलाअफजाई के लिए डांस का खास आयोजन मुंबई कांग्रेस के महासचिव जयकांत शुक्ला द्वारा किया गया। नेस्को के कोविड सेंटर में पिछले एक साल से कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। सैकड़ो बिस्तर वाले मनपा के इस अस्थाई अस्पताल से हजारों लोगों ने नई जिंदगियां पाई हैं। रोते, बिलखते, कराहते और घबराते हुए आने वाले तमाम लोग हंसते, मुस्कुराते हुए यहां से विदा हुए। इसके पीछे मनपा के स्वास्थ्य कर्मियों और डाक्टरों की अथक परिश्रम रही।

इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए जयकांत शुक्ला ने अपने खास कलाकार मित्र रोहित गौर उर्फ मनमोहन तिवारी (धारावाहिक ‘ भाभीजी घर हैं’ के फेम) के साथ मिलकर कोविड वार्ड में डांस कार्यक्रम का आयोजन किया। सैकड़ो कोरोना मरीजों के बीच जाकर उनका मनोरंजन करना कोई छोटा कार्य नहीं था, वह भी ऐसे माहौल में जब मरीज के पास उनका खुद का परिवार और रिश्तेदार जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हों।
जयकांत शुक्ला ने रोहित गौर के सहयोग से कोरियोग्राफर अविनाश पायल को साथ लिया। इस काम मे रोहित की पत्नी रेखा गौर, कांग्रेस सेवादल के दिंडोशी अध्यक्ष सुनील शुक्ला, स्लम सेल के अध्यक्ष पंकज राय, सामाजिक कार्यकर्ता हितेश पटेल व प्रवीण चौहान ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके साथ ही कोविड सेंटर के तमाम वरिष्ठ डाक्टर, इंचार्ज व अन्य कर्मियों ने भरपूर सहयोग दिया।
जयकांत शुक्ला बताते हैं जिस समय साउंड से संगीत की आवाज निकली उस समय ऐसे मरीज भी अपने आप को डांस करने से नहीं रोक सके जो कई दिनों से असहाय बिस्तर पर पड़े थे। डाक्टरों के साथ हमारी पूरी टीम पीपी किट पहने हुए थे। डाक्टरों की निगरानी में कोविड गाईडलाइन के हर नियमों का पालन करते हुए इस अनोखे कार्यक्रम को सफल बनाया गया।
वह बताते हैं उसके पीछे सिर्फ हमारा एक ही मकसद था कि कुछ पल के लिए मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाया जाय, साथ ही उन स्वास्थ्य कर्मियों का भी मन बहलाया जा सके जो पिछले एक साल से दिन रात मरीजों की सेवा में लगे हैं।

इस अवसर पर जयकांत शुक्ला की ओर से मरीजों मे स्टिम वेपराइजर भी बांटा गया। पिछले साल जयकांत शुक्ला द्वारा हजारों श्रमिकों को ट्रेन से उनके गांव भेजने की व्यवस्था की गई। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को खाना, अनाज, दवाइयां व अन्य जरूरी मदद दी गई। खुद शुगर मरीज होते हुए भी अपने जान की चिंता किए बगैर पूरे लॉक डाउन मे घर-घर जाकर लोगों की मदद करते रहे।

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